Vatican City:::: पोप फ्रांसिस को इन दिनों वेटिकन सिटी में ही विरोध झेलना पड़ रहा है। पोप फ्रांसिस के विरोधी उनकी विदेशी संबंधों और उनके द्वारा किए जा रहे बदलावों को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं।
बीते दिनों पूर्व पोप बेनेडिक्ट का बीती 31 दिसंबर को 95 साल की उम्र में निधन हो गया था। पूर्व पोप बेनेडिक्ट के निधन के बाद उनके करीबी सहयोगी जॉर्ज गेनस्वेन ने खुलासा किया कि बेनेडिक्ट, पोप फ्रांसिस द्वारा धार्मिक रीतियों में किए जा रहे कुछ बदलावों से चिंतित थे।
बता दें कि पोप फ्रांसिस को इससे पहले भी आलोचना का शिकार होना पड़ा है। कैथोलिक चर्च का प्रशासन करने वाली शाखा रोमन कुरिया भी पोप फ्रांसिस की आलोचना कर चुकी है और उन्हें अधिनायकवादी बता चुकी है। इनके अलावा ऑस्ट्रेलियन कार्डिनल जॉर्ज पेल ने भी एक नोट लिखकर पोप फ्रांसिस की आलोचना की थी। बता दें कि जॉर्ज पेल पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप लगे थे। फिलहाल उनका भी निधन हो चुका है। अब जर्मन कार्डिनल गेरार्ड मुलर ने एक किताब प्रकाशित की है। इस किताब को लेकर हंगामा हो गया है।
बता दें कि कैथोलिक चर्च के भविष्य को लेकर वैश्विक तौर पर मंथन हो रहा है, जिसकी शुरुआत साल 2021 में पोप फ्रांसिस ने ही की थी। इस मंथन में चर्च में महिलाओं को भी जगह देने, बाल यौन शोषण के मामलों से निपटना और पादरियों की शादी, एलजीबीटी समुदाय को चर्च में स्वागत करने जैसे मामलों पर चर्चा हो रही है।