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USA: अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के अहम अड्डे का किया दौरा, हिंद महासागर में निगरानी होगी मजबूत

USA:अमेरिका दूतावास के अधिकारियों ने आज भारतीय नौसेना के एक अहम नेवल बेस का दौरा किया। अमेरिकी अधिकारियों ने जिस नेवल बेस का दौरा किया, उस पर अमेरिका की कंपनी जनरल एटोमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स द्वारा निर्मित प्रीडेटर ड्रोन्स तैनात हैं, जिन्हें भारत ने लीज पर लिया हुआ है।

दौरे के दौरान भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों को प्रीडेटर ड्रोन्स की क्षमताओं, सर्विलांस और मेंटिनेंस , लॉजिस्टिक सपोर्ट आदि क्षमताओं के बारे में जानकारी दी।

जनरल एटोमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम के सीईओ विवेक लाल ने एक बयान जारी कर बताया कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय नेवल बेस पर एमक्यू-9 ऑपरेशन के गवाह बने, जो भारत और अमेरिका के बीच बढते भरोसेमंद रक्षा सहयोग संबंधों को दिखाता है। बता दें कि भारत ने जनरल एटोमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स से एमक्यू-9 रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्ट्मस (RPAS) को दो साल के लिए लीज पर लिया है। एमक्यू-9 ड्रोन्स कंपनी द्वारा भारत को कंपनी ओनड, कंपनी ऑपरेटिड लीज एग्रीमेंट के तहत दिए गए हैं। हालांकि कितने ड्रोन्स दिए गए हैं, कंपनी द्वारा इसका खुलासा नहीं किया गया है।

अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि हम भारतीय नौसेना और जीए-एएसआई के बीच के सहयोग से प्रभावित हैं। भारतीय नौसेना ने एमक्यू-9 को पूरी क्षमता के साथ तैनात किया हुआ है। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील भी जल्द अंतिम चरण में पहुंच सकती है। इस डील के तहत भारत को अमेरिका से 30 एमक्यू-9बी प्रीडएटर ड्रोन्स मिलेंगे। इनमें से 10-10 ड्रोन्स तीनों सेनाओं थल सेना, वायुसेना और नौसेना को मिलेंगे। इन ड्रोन्स के आने से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटा जा सकेगा।

एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन्स की खासियत ये है कि ये ड्रोन्स दिन-रात निगरानी कर सकते हैं और पेलोड लेकर भी उड़ान भर सकते हैं। इन ड्रोन्स में 360 डिग्री कैमरे से समुद्र, आकाश और जमीन पर निगाह रखी जा सकती है। एआई और लर्निंग मशीन तकनीक से लैस ये ड्रोन्स डाटा की समीक्षा कर इसे विभिन्न जगह रियल टाइम में वितरित भी कर सकते हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके। जिस तरीके से चीन की नौसेना हिंद महासागर में घुसपैठ कर रही है और यहां अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रही है, उसे देखते हुए ये प्रीडेटर ड्रोन्स सर्विलांस और त्वरित हमले के लिहाज से बेहद अहम साबित हो सकते हैं।

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