पानी की कमी का संकट झेल रहे देशों में मुसीबत बढ़ने वाली है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया के दो अरब लोगों यानी 26% आबादी अभी भी साफ और सुरक्षित पेयजल की पहुंच से दूर है।

इसके अलावा 3.6 अरब लोग यानी 46% आबादी साफ-सफाई के दायरे से दूर है।

रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या और बढ़ने वाली है। जहां पानी का संकट है, उन इलाकों में पानी की कमी का दबाव और अधिक बढ़ जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, ‘अत्यधिक खपत और जलवायु परिवर्तन ने दुनिया भर में पानी की गंभीर कमी को जन्म दिया है जो “स्थानिक” बन गया है।’

रिपोर्ट में और क्या कहा गया?
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक वैश्विक संकट का “आसन्न जोखिम” पैदा कर रहा है।
दो अरब लोग अभी भी सुरक्षित पेयजल की पहुंच से दूर हैं और 3.6 अरब लोगों की स्वच्छता तक पहुंच नहीं है।
ग्लोबल वार्मिंग प्रचुर मात्रा में पानी वाले क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में पानी की कमी को और बढ़ा देगा जो पहले से ही तनावग्रस्त हैं।

यूएन महासचिव ने क्या कहा?
रिपोर्ट की प्रस्तावना में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लिखा है कि दुनिया आंख बंद करके एक खतरनाक रास्ते पर चल रही है, क्योंकि ‘अस्थिर जल उपयोग, प्रदूषण और अनियंत्रित ग्लोबल वार्मिंग’ मानवता के जीवन रक्त को बहा रही है।

रिपोर्ट के प्रमुख लेखक रिचर्ड कॉनर ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘अगर कुछ नहीं किया जाता है, तो यह एक व्यापार-सामान्य परिदृश्य होगा। दुनिया की 40 से 50 प्रतिशत की आबादी स्वच्छता से दूर रहेगी और लगभग 20-25 प्रतिशत आबादी के पास सुरक्षित जल आपूर्ति की पहुंच नहीं होगी। जैसे-जैसे वैश्विक आबादी बढ़ेगी, इन सेवाओं से दूर होने वालों की संख्या में भी इजाफा होगा।

पहली बार जल सम्मेलन आयोजित होगा
50 साल के इतिहास में पहली बार संयुक्त राष्ट्र की ओर से संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें दुनियाभर के 6500 से ज्यादा विशेषज्ञ और अतिथि शामिल होंगे। अलग-अलग राज्यों के राष्ट्राध्यक्ष और मंत्री भी इस सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे।

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.