देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) की दस कंपनियों में से सात में 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया था. 24 जनवरी को इस निवेश की कीमत 81,268 करोड़ रुपये थी.
लेकिन अब यह 33,149 करोड़ रुपये रह गई है. अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी Hindenburg Research की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में कोहराम मचा है. ग्रुप का मार्केट कैप 60 फीसदी से अधिक स्वाहा हो चुका है. शेयरों में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी का प्रॉफिट मात्र 3,000 रुपये रह गया है.
एलआईसी ने 30 जनवरी को घोषणा की थी कि उसने अडानी ग्रुप के शेयरों में 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया है. 27 जनवरी को इस निवेश की कीमत 56,142 करोड़ रुपये थी. दिसंबर क्वार्टर की तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एलआईसी का अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश था. इनमें एसीसी, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और अंबूजा सीमेंट्स शामिल हैं. 30 सितंबर, 2022 के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का टोटल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 41.66 लाख करोड़ रुपये था. एलआईसी ने कहा था कि अडानी ग्रुप में उसका निवेश उसके टोटल एयूएम से एक फीसदी से भी कम था.
काम नहीं आ रही कोई तरकीब
अडानी ग्रुप के दस लिस्टेड शेयरों में से आठ शेयरों में गिरावट आई. इससे ग्रुप का मार्केट कैप 20,000 करोड़ रुपये कम हो गया. पिछले एक महीने में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 60 फीसदी से भी अधिक गिरावट के साथ 7.38 लाख करोड़ रुपये रह गया है. अडानी निवेशकों को भरोसा जीतने के लिए कई उपाय कर रहे हैं लेकिन अब तक इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है. Hindenburg Research की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया है.