पाकिस्तान की मौजूदा हालात पर इन दिनों दुनिया भर की नजरें हैं. इसी बीच प्रोफेसर मुक्तदर खान ने यह कह कर बवाल खड़ा कर दिया है कि भारत चाहे तो जंग का ऐलान कर पीओके और बाकी इलाकों को अपने में मिला सकता है.उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समय एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है.

ऐसे में भारत चाहे को उस पर चढ़ाई कर सकता है.

उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पहले ही कह दिया है कि हमें भारत से युद्ध नहीं करना चाहिए था. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े. लेकिन बदले में हमें परेशानी, गरीबी और बेरोजगारी मिली. हमने अपना सबक सीख लिया है. हम शांति के साथ रहना चाहते हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान के पीएम ने भारत के साथ ईमानदारी से बातचीत करने को कहा है.

जिसपर अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान ने कहा है कि पीएम शहबाज शरीफ ने भारत के साथ ईमानदारी से बातचीत कहकर यू टर्न लिया है. खान ने कहा है कि पाकिस्तान हर मामले में कमजोर पड़ चुका है. हाल ये है कि कोई भी मुल्क पाकिस्तान पर हावी हो सकता है. भारत चाहे तो वो आसानी से कब्जा कर सकता है.

पाकिस्तान को भारत का शुक्रिया अदा करना चाहिए

इसके साथ ही मुक्तदर खान ने कहा है कि पाकिस्तान को सबसे पहले भारत का शुक्रिया अदा करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक पाकिस्तान के नाजुक हालात का फायदा भारत नहीं उठा पा रहा है. पाकिस्तान को यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के नेताओं को समझना होगा कि भारत के नेता अधिक सम्मानित हैं और उनके जैसे नहीं हैं.

पीओके पर कब्ज़ा कर सकता है भारत
इसके साथ ही प्रोफेसर मुक्तदर खान ने कहा है कि भारत चाहे तो जंग का ऐलान कर पीओके और बाकी इलाकों पर कब्जा कर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि फिलहाल पाकिस्तान बुरे हालात से गुजर रहा है, वह छः प्रकार के संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में देश टूट सकता है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान इस समय बर्बादी की कगार पर खड़ा है. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश की हालत लगातार खराब होती जा रही है. महंगाई चरम पर पहुंच गई. बुनियादी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. सोशल मीडिया पर बहुत सारी तस्वीरें पाकिस्तान की वायरल हो रहीं हैं.

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.