Site icon Infomist

Famous Aarti in India: विश्व प्रसिद्ध हैं इन 4 जगहों की आरती, जरूर देखने जाएं, हो जाएंगे भक्ति से भावविभोर

Famous Aarti in India: अगर आप परिवार के साथ कहीं घूमने का सोच रहे हैं तो आपको विश्व भर में प्रसिद्ध इन आरती को देखने जरूर जाना चाहिए।

भारत में प्रसिद्ध ये आरतियां व्यक्ति को भक्ति से सराबोर कर देती हैं। यही कारण है कि लोग मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए दूर-दूर से इन जगहों की आरती देखने आते हैं।

गंगा आरती

भारत की गंगा आरती दुनियाभर में मशहूर हैं। हरिद्वार में हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है। इसका दिव्य नजारा किसी का भी मन मोह सकता है। गंगा आरती का दृश्य मात्र देखने से ही व्यक्ति भक्ति के रस में डूब जाता है। गंगा आरती देखने के लिए सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। हरिद्वार की तर्ज पर अब ऋषिकेश, वाराणसी, प्रयाग और चित्रकूट में भी गंगा आरती का आयोजन होने लगा है। वहां भी आरती देखने के लिए भक्तों की भीड़ लग जाती है।

महाकालेश्वर मंदिर की आरती

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, जो मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल की आरती का एक ऐसा रूप देखने को मिलता है जो कहीं और नहीं मिलेगा। इस मंदिर में चिता की राख से भगवान शिव की पूजा की जाती है। हर साल शिवरात्रि पर महाकालेश्वर में धूमधाम से उत्साह मनाया जाता है। देश-विदेश से लोग यहां भस्मा आरती देखने आते हैं।

बांके बिहारी जी की आरती

मथुरा में बांके बिहारी जी की आरती देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध रह जाता है। यह मंदिर बेहद खूबसूरत है और भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहां की आरती बहुत ही भव्य और मनोरम होती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर के सामने एक दरवाजा है जिस पर पर्दा लगा हुआ है। यह पर्दा हर एक या दो मिनट के अंतराल पर बंद एवं खोला जाता है। यहां की आरती देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन आते हैं।

केदारनाथ की आरती

केदारनाथ मंदिर पहाड़ों और नदियों से घिरा हुआ है। इसकी कठिन यात्रा के बाद भी लोग यहां की आरती देखने पहुंचते हैं। केदारनाथ धाम ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है। प्रात:काल में शिव-पिंड को प्राकृतिक रूप से स्नान कराकर उस पर घी-लेपन किया जाता है। उसके बाद धूप-दीप जलाकर आरती उतारी जाती है। इस समय भक्त मंदिर में प्रवेश कर पूजा कर सकते हैं, लेकिन संध्या के समय भगवान का श्रृंगार किया जाता है। इस समय भक्तगण दूर से केवल इसका दर्शन ही कर सकते हैं।

Exit mobile version