फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया साइट की पेरेंट कंपनी मेटा एक बार फिर से मुश्किल में फंस गई है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक पर यूरोपियन यूनियन की गोपनीयता नियामकों ने 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,765 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

यह जुर्माना अन्य देशों के फेसबुक-इंस्टाग्राम यूजर्स के डाटा को अमेरिका में भेजने के लिए लगाया गया है।

करीब पांच साल पहले यूरोपीय संघ में निजता उल्लंघन से संबंधित सख्त कानून लागू होने के बाद लगाया गया यह सबसे बड़ा जुर्माना है। इसके पहले यूरोपीय संघ ने वर्ष 2021 में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर 74.6 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था।

दरअसल यह पूरा मामला यूरोपियन यूनियन के देशों से जुड़ा है। नियामक को इस बात का डर है कि यदि किसी देश के यूजर्स का डाटा अमेरिका पहुंचता है तो वह डाटा अमेरिकी खुफिया एजेंसी तक भी पहुंच सकता है। आयरलैंड के डाटा संरक्षण आयुक्त हेलेन डिक्सन के नेतृत्व में यूरोपीय संघ के नियामक फेसबुक द्वारा यूरोपीय उपयोगकर्ता डाटा को स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कानूनी उपकरण पर प्रतिबंध लगाने को अंतिम रूप दे रहे हैं।

पिछले महीने ही उन्होंने कहा था कि आयरिश डीपीसी के पास फेसबुक के ट्रान्साटलांटिक डाटा ट्रांसफर को रोकने के लिए एक महीने का समय था। अब कहा जा रहा है कि मई के अंत तक प्रतिबंध लग सकता है जिसके बाद फेसबुक यूजर्स का डाटा ट्रांसफर नहीं कर पाएगा।

यूरोप की सर्वोच्च अदालत ने 2020 में फैसला सुनाया था जिसमें सर्विलांस का हवाला देते हुए ईयू-यूएस डाटा ट्रांसफर समझौता को अवैध बताया गया था। Meta को पिछले साल डाटा ट्रांसफर डाटा ट्रांसफर को लेकर चेतावनी भी दी गई थी। उसके बाद यूरोप में फेसबुक की सेवा को भी सस्पेंड किया गया था।

By Ajay Thakur

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