ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ है। यहां कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई है। अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है और 300 के करीब घायल बताए जा रहे हैं।
अब ये कोई पहली बार नहीं है जब देश इतना बड़ा रेल हादसा दे रहा हो। पिछले कुछ सालों को छोड़ दिया जाए, बड़ी रेल दुर्घटनाएं इस देश का एक कड़वा सच हैं। ये बात भी किसी से नहीं छिपी है कि इन्हीं रेल हादसों ने हजारों लोगों की जान ली है।
एक आंकड़ा बताता है कि देश में पिछले 23 सालों में 1000 से ज्यादा लोगों की ट्रेन दुर्घटना में मौत हुई है। सिर्फ मौत का आंकड़ा बदला है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही समान रूप से देखने को मिली है। ओडिशा वाले हादसे में भी उस लापरवाही से मुंह नहीं फेरा जा सकता, कोई भी ये बात नहीं समझ पा रहा है कि आखिर तीन ट्रेनों की टक्कर कैसे हो गई? जब एक ट्रेन की बोगियां पहले से पटरी पर गिरी हुई थीं, दूसरी ट्रेन को उसी ट्रैक पर आने की इजाजत कैसे मिल गई? सवाल अनेक हैं, लेकिन अभी तक क्योंकि जांच नहीं हुई है, ऐसे में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
वैसे देश के सबसे बड़े ट्रेन हादसों की बात करें तो वो 50-60 साल पहले से ही शुरू हो जाते हैं। हर हादसे भयावह रहा है, कई लोगों की जान लेने वाला साबित हुआ है।
1981 बिहार
बिहार में साल 1981 में एक दर्दनाक ट्रेन हादसा हुआ था जब 900 लोगों के साथजा रही ट्रेन पटरी से उतर एक नदी में जा गिरी थी। इस हादसे में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
1995 फिरोजाबाद
साल 1995 में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस यूपी के फिरोजाबाद में एक स्टेशन पर खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से जा टकराई थी। कालिंदी एक्सप्रेस उस समय सिर्फ खड़ी हुई थी, लेकिन रफ्तार में आई पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने उसमें टक्कर मार दी जिसमें 358 लोगों की मौत हुई।
1999 असम
साल 1999 को असम के गैसल में दो ट्रेन एक दूसरे से टकरा गई थीं और उस वजह से एक बड़ा धमाका भी हो गया था। वो टक्कर इतनी तेज रही कि मौके पर ही 290 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
1998 पंजाब
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पंजाब के खन्ना में साल 1998 में एक बड़ा रेल हादसा हुआ था। Frontier Golden Temple Mail के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसके कुछ सेकेंड बाद ही Jammu Tawi- Sealdah Express तेज रफ्तार में आई और उन गिरे हुईं बोगियों से जा टकराई। उस भयंकर हादसे में 212 लोगों की मौत हो गई।
2002 बिहार
देश की सबसे तेज ट्रेन माने जाने वाली हावड़ा टू नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस बड़ी दुर्घटना का शिकार हुई थी। साल 2002 में इस ट्रेन की कई बोगियां रफीगंज में पटरी से उतर गई थीं। हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
2010 पश्चिम बंगाल
साल 2010 में पश्चिम बंगाल में एक बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी। हावड़ा कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स ट्रेन की कई बोगियां पटरी से उतर गई थीं। आरोप ये था कि पटरी पर तोड़फोड़ की गई थी। यहां तक दावा हुआ कि माओवादियों ने ट्रैक पर धमाका किया था। बाद में पटरी से उतरी ट्रेन की टक्कर एक मालगाड़ी से भी हो गई थी। हादसे में 170 यात्रियों की जान गई थी।
2016 कानपुर
इंदौर पटना एक्सप्रेस साल 2016 में कानपुर के पुखरायां में पटरी से उतर गई थी। उस हादसे में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और उतने ही यात्री गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे।
2005 हैदराबाद
साल 2005 में हैदराबाद में एक बाढ़ ने रेल ब्रिज को ध्वस्त कर दिया था और उसी ब्रिज से डेल्टा फास्ट पैंसेंजर ट्रेन गुजर गई। वो ट्रेन सीधे पानी में जा गिरी और 114 लोगों की जान चली गई। हादसे में 200 के करीब घायल भी हुए।