Adipurush movie review;फिल्म आदिपुरुष , जो श्रीराम के जीवन पर आधारित है, सिनेमाघरों में 16 जून को रिलीज हो चुकी है। मूवी को दर्शकों का अच्छा response भी मिल रहा है।
श्रीराम के इर्द-गिर्द बुनी गई है पूरी कहानी
फिल्म आदिपुरुष की कहानी पूरी तरह से भगवान श्रीराम के ईद-गिर्द बुनी गई है। मूवी में लक्ष्मण, हनुमान और सीता जैसे अहम पात्रों को वो लगभग दरकिनार किया गया है। ऐसा लग रहा है जैसे ये पात्र मूवी में सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्शाने के लिए है। शुरू से लेकर आखिर तक मूवी का केंद्रीय पात्र सिर्फ श्रीराम ही हैं।
कई पात्र नदारद तो कुछ साइड लाइन
वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस में बताए गए महत्वपूर्ण कई पात्र मूवी आदिपुरुष से नदारद हैं जैसे सुषेण वैद्य, नल-नील वानर। वहीं कुंभकर्ण, मेघनाद और मंदोरी जैसे अहम पात्रों को इतना कम समय दिया गया है कि वे परदे पर कब आते हैं और कब चले जाते हैं पता नहीं चलता। इन पात्रों को मूवी में सीधे तौर पर साइड लाइन कर दिया गया है।
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न सोने की लंका न पुष्पक विमान
धर्म ग्रंथों में रावण की सोने की लंका और पुष्मन विमान का वर्णन मिलता है। कई स्थानों पर तो लंका को कुबेर की अलकापुरी के समान वैभवशाली और समृद्धशाली बताया गया है जबकि आदिपुरुष मूवी में लंका को काले पत्थर से बने एक विशाल किले के रूप में दिखाया गया है, जो कहीं से कहीं सोने की लंका से मेल नहीं खाता। पुष्पक विमान फिल्म के अंतिम दृश्य में कुछ सेकेंड के लिए दिखाया गया है।
चमगादड़ को बना दिया रावण का वाहन
वाल्मीकि रामायण में रावण को दो वाहनों का जिक्र मिलता है, पहला पुष्पक विमान और दूसरा गधों से जुता हुआ रथ। मूवी में रावण को न तो पुष्पक विमान पर सवार दिखाया गया और और न ही रथ पर। इनके स्थान पर एक विशाल चमगादड़ को रावण के वाहन के रूप में दिखाया गया है जो कि अतिश्योक्ति पूर्ण है।
संवादों में परिपक्वता की कमी
मूवी आदिपुरुष में कई स्थानों पर संवादों में परिपक्वता की कमी खली। फिल्म में कुछ स्थानों पर गली-मुहल्लों की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जिसे लेकर निकट भविष्य में विवाद होने की पूर्ण संभावना है। फिल्म में कई डॉयलॉग ऐसे हैं जो दर्शकों के गलत नहीं उतर रहे। हनुमानजी द्वारा बोला गया डॉयलॉग “कपड़ा तेरे बाप का, आग तेरे बाप की, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरे बाप की” मूवी मेकर्स की कमी को उजागर करता है।
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