पानी के बंटवारे के मुद्दे के बाद पंजाब-हरियाणा में अब पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के हिस्से को लेकर ठन गई है। हरियाणा ने पीयू में अपना फिर से हिस्सा मांग लिया है। वहीं, पंजाब ने हरियाणा की मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है। इस पर पंजाब किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं करेगा। उधर, इस मुद्दे पर पंजाब के राज्यपाल व यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मुद्दे को आपसी सहमति से समाधान निकालने को कहा है। इस संबंध में अगली बैठक पांच जून को होनी है।

पंजाब यूनिवर्सिटी की ग्रांट और हरियाणा के कॉलेजों को इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध किए जाने के मुद्दों को लेकर गुरुवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के साथ पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) से संबद्धता संभव है।

सरकारों को ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि पीयू से संबंधित मामलों को आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से मान्यता देना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। यह संभव है।

हरियाणा और पंजाब का यह सहयोग निश्चित रूप से एक अच्छी शुरुआत होगी। पिछले साल, हरियाणा विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें सरकार से पंजाब विश्वविद्यालय में राज्य के हिस्से की बहाली की सिफारिश की गई थी। गुरुवार को हुई बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की वाइस चांसलर प्रोफेसर रेनू विग समेत हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ यूटी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

पीयू पर पंजाब का मौजूदा दर्जा बहाल रख जाए: मान
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पीयू पंजाब के लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता है। यह राज्य की विरासत का प्रतीक है। यह यूनिवर्सिटी केवल पंजाब और उसकी राजधानी चंडीगढ़ की जरूरतों को पूरा करती है। पीयू पर पंजाब का मौजूदा कानूनी और प्रबंधकीय दर्जा बहाल रखा जाना चाहिए। मान ने याद दिलाया कि वर्ष 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद द्वारा लागू किए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 की धारा 72 (1) के अधीन इंटर स्टेट बॉडी कारपोरेट घोषित किया गया था।

हरियाणा के कॉलेजों को भी पीयू से संबद्धता हो: मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के कॉलेजों को भी पीयू के साथ संबद्धता होनी चाहिए। हरियाणा पीयू में राज्य के हिस्से की बहाली की मांग कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, हरियाणा सरकार, केंद्र के साथ मिलकर पंजाब विश्वविद्यालय को आगे ले जाएगी, ताकि विश्वविद्यालय समृद्ध हो और इसकी जरूरतें पूरी हों।

पीयू में हरियाणा के हिस्से की बहाली और हरियाणा राज्य के कॉलेजों को संबद्धता की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा- पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत हरियाणा का हिस्सा पंजाब विश्वविद्यालय को दे दिया गया और हरियाणा के कॉलेजों और क्षेत्रीय केंद्रों को पीयू से संबद्ध कर दिया गया। हालांकि, 1973 में एक अधिसूचना जारी करके इसे समाप्त कर दिया गया था।

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.