पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर लागू है हैं। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से वे सब हरकतें बंद नहीं की गई हैं जिनके कारण प्रदेश में खून खराबा हो रहा है। सेना का कहना है कि अब पाक सेना एलओसी से एक दो के दलों में आतंकियों को इस ओर धकेल रही है।

सेना के ही मुताबिक, एलओसी के उस पार पाक सीमा चौकिओं पर बड़े पैमाने पर आतंकियों को एकत्र करने का सिलसिला कभी रुका नहीं है। सेना कहती है कि इसके स्पष्ट मायने यही हैं कि पाक सेना सीजफायर के खत्म होते ही आतंकियों को बड़ी संख्या में इस ओर धकेलने का प्रयास करेगी।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो पाक सेना सीजफायर के बावजूद आतंकियों को खुल्लमखुल्ला तौर पर अपनी सीमा चौकिओं पर एकत्र कर रही है और उन्हें ट्रेनिंग भी दे रही है। इसका खुलासा सेना भी अब करने लगी है जो एलओसी के पास पाकिस्तानी सीमा चौकिओं पर कड़ी नजर रखे हुए है।

रक्षाधिकारियों के अनुसार, ‘सीजफायर के पहले ही दिन से एलओसी से सटी पाकिस्तानी सेना की अग्रिम सीमा चौकिओं पर सादे कपड़ों में आने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। ये सैनिक नहीं हैं बल्कि वे आतंकवादी हैं जिन्हें इस ओर धकेलने के लिए एकत्र किया जा रहा है।’ सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय में तैनात सेनाधिकारियों की ओर से भी इसकी पुष्टि की जा चुकी है कि एलओसी के पार आतंकवादियों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है।

फिलहाल वे इनकी सही संख्या बता पाने में तो सक्षम नहीं हैं लेकिन अंदाजन यह संख्या दस हजार के लगभग बताई जा रही है। ये सभी 814 किमी लंबी एलओसी के उस पार पाकिस्तानी सीमा चौकिओं पर तैनात हैं। इन्हीं अधिकारियों के अनुसार, सिर्फ आतंकवादियों को सीमा चौकिओं पर तैनात ही नहीं किया गया है बल्कि उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है। भारतीय सैनिकों की मजबूरी यह है कि जिस सीजफायर का लाभ उठाते हुए पाकिस्तानी सेना ऐसा कर रही है वही सीजफायर भारतीय जवानों के लिए बाधा बन गया है।

इन अग्रिम सीमा चौकिओं पर एकत्र किए गए आतंकियों में से कुछेक को एक-दो के दलों में भारतीय सीमा में प्रतिदिन धकेला जा रहा है। भारतीय सेना की कठिनाई यह है कि ऊबड़-खाबड़ और नदी-नालों से परिपूर्ण एलओसी पर आतंकियों के एक-दो के दलों को रोक पाना उसके लिए संभव नहीं है। रक्षाधिकारी कहते हैंः’चप्पे चप्पे पर चाहे जवान तैनात कर लिए जाएं एक दो आतंकी आर-पार आसानी से हो सकते हैं।’

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.