भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर खास मेहमान के तौर पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि भारत और फ्रांस अभी भविष्य में एक साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण काम करेंगे।
उन्होंने भारतीय छात्रों को बड़ा तोहफा देते हुए एक बार फिर ऐलान किया कि 2030 तक 30 हजार भारतीय छात्रों को फ्रांस में पढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि फ्रांस कि इस वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
मैक्रों ने इसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य बताते हुए कहा कि हम आपके साथ मिलकर इसे हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए वीजा की प्रक्रिया आसान किया जाएगा। उन्होंने फ्रेंच भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि हम फ्रेंच सीखने के लिए नए केंद्रों के साथ अलायंस फ्रैंचाइज़ का नेटवर्क विकसित कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कक्षाएं बना रहे हैं, जो उन छात्रों को हमारे विश्वविद्यालयों में शामिल होने की अनुमति देगी, जो जरूरी नहीं कि फ्रेंच बोलते हों। उन्होंने कहा कि फ्रांस में कई बेहतर रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय मौजूद हैं।
इससे पहले पिछले साल 14 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान मैक्रों ने 2025 तक 20,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करने और 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस का दरवाजा खोलने की बात कही थी। बता दें कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के मुख्य अतिथि बने । मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर देश की आन, बान और शान को प्रदर्शित करने वाली परेड के साक्षी बने और इसी के साथ वह ऐसे वैश्विक नेताओं के समूह में शामिल हो गए हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व में शिरकत की है।