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महाराष्ट्र: मदरसे के नाम पर हो रहा था बच्चों की तस्करी का धंधा, आरपीएफ और जीआरपी ने बचाया 59 बच्चों का भविष्य

महाराष्ट्र के भुसावल में बिहार से तस्करी कर लाए जा रहे 59 बच्चों को आरपीएफ और जीआरपी ने छुड़वाया है। ये कार्रवाई भुसावल और मनमाड पुलिस ने मिलकर की है। दरअसल भुसावल आरपीएफ पुलिस ने बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के 59 बच्चों को उस समय छुड़ाने में सफलता हासिल की, जब उन्हें भुसावल और मनमाड स्टेशनों के सांगली स्थित मदरसे में तस्करी कर लाया जा रहा था।

इन बच्चों को जलगांव और नासिक के बाल रक्षक गृहों में भेज दिया गया है और उनकी देखभाल की जा रही है। संभागीय सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवास राव ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के बाद संबंधित बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

दानापुर-पुणे एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 01040 में बाल तस्करी की सूचना पर आरपीएफ, जीआरपी पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। भुसावल में एक सामाजिक संस्था की मदद से स्टेशन पर सदर एक्सप्रेस की सघन जांच की गई। इस दौरान पुलिस ने अलग-अलग बोगियों से 8 से 15 साल के 29 बच्चों को हिरासत में लिया। इन सभी बच्चों को रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया गया और उनके साथ मौजूद एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर थाने लाया गया।

सदर एक्सप्रेस में पुलिस की जांच जारी थी। आगे की जांच के दौरान मनमाड तक तलाशी अभियान में 30 और बच्चों और 4 संदिग्ध तस्करों की पहचान की गई। उन्हें मनमाड स्टेशन पर हिरासत में लिया गया। भुसावल के 29 बच्चों को देखभाल के लिए बाल निगरानी गृह जलगांव भेजा गया है और मनमाड के 30 बच्चों को भी नासिक के बाल संरक्षण गृह भेजा गया।

पुलिस द्वारा आगे की जांच में पाया गया कि मदरसे के नाम पर इन बच्चों को बिहार राज्य के पूर्णिया जिले से सांगली तक तस्करी किया जा रहा है। इन बच्चों का मेडिकल कराया गया है। पांचों संदिग्ध तस्करों के खिलाफ भुसावल और मनमाड थाने में मामला दर्ज किया गया है।

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