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भारत में अमेरिका के नये राजदूत गार्सेटी ने वीजा समस्या के समाधान को बताया पहली प्राथमिकता

भारत में अमेरिका के नये राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि भारतीयों के लिए आसानी से वीजा उपलब्ध कराना बतौर राजदूत उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।

गार्सेटी ने गुरुवार को ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपना परिचय प्रपत्र सौंपा है और भारत में दिए गए अपने पहले साक्षात्कार में दैनिक जागरण को बताया है कि वह ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका की यात्रा पर जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।

हमने लगातार स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश की है: गार्सेटी

गार्सेटी ने कहा, कई वर्षों से हम रक्षा सहयोग, कारोबार सहयोग आदि पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और ऐसा लगता है कि वीजा से जुड़े सहयोग का मुद्दा नीचे चला गया है। लेकिन, मेरे लिए यह तीसरी, चौथी प्राथमिकता नहीं होगी बल्कि पहली प्राथमिकता होगी। हमने लगातार स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश की है।

‘आने वाले दिनों में ज्यादा छात्रों को देंगे वीजा’

गार्सेटी कहते हैं कि अमेरिका हैदराबाद में नया कंसुलेट खोलने जा रहा है। जनवरी से मार्च, 2023 में सबसे ज्यादा वीजा भारतीयों को दिया हैं। अमेरिका में रहने वाले अधिकारी भारतीयों को वीजा दिलाने में मदद कर रहे हैं। लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं। हम स्थिति को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं और इसका असर भी दिखाई देगा। हम आने वाले दिनों में ज्यादा छात्रों को तो वीजा देंगे, साथ ही पहली बार अमेरिका जाने वालों की संख्या भी बढ़ाएंगे।

‘अगले 20 वर्षों की जरूरत के हिसाब से रणनीति बनाने की कोशि‍श’

वह कहते हैं कि भविष्य के सारे उपायों की घोषणा अभी नहीं की जाएगी लेकिन हम तकनीक के स्तर पर कदम उठा रहे हैं, ज्यादा लोगों को ताकि वीजा देने की अवधि कम की जा सके। हमारी कोशिश यह है कि अगले 20 वर्षों की जरूरत के हिसाब से रणनीति बने ताकि लंबे समय तक इस तरह की समस्या ना हो।ध्यान रहे कि पिछले वर्ष अमेरिका जाने वाले भारतीयों को वीजा के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। सामान्य वीजा के लिए प्रतीक्षा अवधि एक वर्ष तक की मिल रही थी।

बताया गया था कि कोविड महामारी के दौरान आना जाना बंद था और अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत के बाद एक साथ बहुत ज्यादा संख्या में लोगों ने आवेदन किये थे। अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीयों के परिवार के सदस्य भी बड़ी संख्या में यात्रा करना चाह रहे थे। कारोबार व उद्योग जगत के लोगों की आवाजाही बढ़ गई थी। साथ ही कोविड की वजह से बड़ी संख्या में अमेरिकी दूतावास के अधिकारी भी स्वदेश लौट गये थे। अब स्थिति को सामान्य करने की कोशिश जारी है।

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