कनाडा और भारत के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड का मामला गरमाया हुआ है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना कोई सबूत दिखाए सोमवार को कह दिया कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों का हाथ था.

ट्रूडो ने यह आरोप ऐसे वक्त में लगाए हैं जब घरेलू मुद्दों पर देश में उन्हें जबरदस्त तरीके से घेरा जा रहा है और पोल्स में वो अपने विपक्षियों से लगातार पिछड़ रहे हैं. कनाडा की मीडिया में कहा जा रहा है कि देश में तेजी से गिरती लोकप्रियता के बीच ट्रूडो ने यह मुद्दा उठाया है और अगर वो इसे सही साबित नहीं कर पाए तो घरेलू और वैश्विक पटल पर बहुत बदनामी होगी.

‘अगर आरोप साबित नहीं कर पाए तो बड़ी बदनामी होगी’

कनाडाई मीडिया का एक बड़ा वर्ग कह रहा है कि ट्रूडो ने पोल्स में गिरती रैंकिंग और अपनी घरेलू राजनीति को साधने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करने में जल्दबाजी दिखाई है.

कनाडा के प्रमुख अखबार नेशनल पोस्ट ने अपने एक संपादकीय में लिखा, ‘यह याद रखना जरूरी है कि ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, उसे साबित किया जाना बाकी है. कनाडा के लोगों को वो अब तक कोई सबूत दिखाने में नाकाम रहे हैं.’

नेशनल पोस्ट ने आगे लिखा, ‘अगर ऐसी बात सामने आती है कि ट्रूडो ने इस तूफान को बिना किसी सबूत के खड़ा किया है तो यह घरेलू और वैश्विक प्रभाव के लिए शर्मनाक बात होगी.’

नेशनल पोस्ट ने Angus Reid इंस्टिट्यूट की एक हालिया पोल का हवाला दिया है जिसमें ट्रूडो को महज 33% अप्रूवल रेटिंग मिली है जबकि 63% लोगों ने उन्हें नापसंद किया है. ट्रूडो की सरकार वर्तमान ने 24 सांसदों वाले न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी से समर्थन से सत्ता में बनी हुई है. इस पार्टी के मुखिया जगमीत सिंह को खालिस्तान समर्थन माना जाता है.


‘भारत आरोपों पर चुप नहीं बैठने वाला’

कनाडाई अखबार टोरंटो सन के एक लेख में कहा गया है कि कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर भारत चुप नहीं बैठने वाला. कनाडा के लोगों को मोदी सरकार से अब बस यही उम्मीद करनी चाहिए कि इस आरोप के लिए भारत कनाडा को सजा देने की कोशिश करेगा. इसलिए यह जरूरी है कि ट्रूडो की सरकार निज्जर की हत्या से भारत सरकार का लिंक साबित करने के लिए जो भी सबूत पेश कर सकती है, उसे जारी करे.

‘निज्जर कोई संत नहीं था’

टोरंटो सन के लेख में आगे लिखा गया कि हरदीप सिंह निज्जर को लेकर स्पष्ट रहने की जरूरत है कि वो कोई संत नहीं था. और अगर वो आतंकवादी थी, जैसा कि भारत सरकार दावा कर रही है तो इसका फैसला अदालत को करना चाहिए था. अगर भारत सरकार उसकी हत्या के पीछे है और अगर अब भी ट्रूडो की सरकार अपने कहे पर कायम है तो भारत को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

अखबार ने लिखा कि मोदी सरकार के पास अगर निज्जर को अपराधों से जोड़ने के सबूत थे, तो उन सबूतों को कनाडा की अदालत में पेश कर उसके प्रत्यर्ण के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए था.

अखबार ने खालिस्तानी चरमपंथियों को लेकर ट्रूडो सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए. टोरंटो सन ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि कुछ लोगों को कार्यों के आधार पर पूरे समुदाय को जज नहीं किया जा सकता और वो सिख समुदाय की रक्षा करेंगे. यह सही है लेकिन अगर कुछ बुरे लोग आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं या हिंसा को उकसा रहे हैं…राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की बात कर रहे हैं तो उन्हें कुछ तो करना चाहिए. ट्रूडो ने इस मोर्चे पर कुछ नहीं किया है. उन्होंने खालिस्तानी आंदोलन में चरमपंथी तत्वों से निपटने की कोई कोशिश नहीं की है जो मातृभूमि की वकालत करने से आगे बढ़कर हिंसा को बढ़ावा देते हैं.’

लेख के अंत में टोरंटो सन लिखता है कि इस विवाद से न तो पीएम मोदी और न ही ट्रूडो को दिक्कत हो रही है बल्कि इसका प्रभाव सीधे तौर पर कनाडा के लोगों पर पड़ रहा है जो भारत से व्यापार करते हैं और उन लोगों पर पड़ा है जो भारत जाने के लिए वीजा की व्यवस्था करने की कोशिश में लगे हैं. अब समय आ गया है कि नेता अंतरराष्ट्रीय पोकर खेलना बंद कर दें और अपने पत्ते मेज पर रखें.

दोनों देशों के बीच तनाव से बढ़ी लोगों की परेशानी

नेशनल पोस्ट ने अपनी एक और रिपोर्ट में कहा कि भारत निज्जर को आतंकवादी मानता है और उसके ऊपर दस लाख का इनाम घोषित कर रखा था.


कनाडाई अखबार ने यह भी लिखा कि भारत ने तनाव के बीच सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए वीजा सेवाओं को रोक दिया है. इस निलंबन का मतलब यह हुआ कि जिन कनाडाई लोगों के पास पहले से वीजा नहीं है, सेवाएं शुरू होने तक भारत की यात्रा नहीं कर पाएंगे. कनाडा के लोग भारत आने वाले शीर्ष यात्रियों में से हैं. भारत के इमीग्रेशन ऑफ ब्यूरो के अनुसार, 2021 में 80,000 कनाडाई पर्यटकों ने भारत का दौरा किया था.

कनाडा के अखबार Vancouver Sun ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वीजा सेवाओं को रोक दिए जाने के बाद से भारतीय मूल के कनाडाई लोग परेशान हैं कि वो भारत कैसे जाएंगे. Surrey शहर के रहने वाले भारतीय मूल के कनाडाई अनिल कुमार के हवाले से अखबार ने लिखा, ‘वीजा सेवाओं का निलंबन दिखाता है कि यह कितना खराब वक्त है. लोग भारत की यात्रा को लेकर चिंतित हैं. मैं कुछ लोगों को जानता हूं जो दीवाली के लिए भारत जाने वाले थे. अब वो नहीं जा सकेंगे और यह बात बहुत कचोटने वाली है।

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.