तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद पूरा दुनिया परेशान है। भूकंप की वजह से 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग घायल हैं और तमाम लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं।

इस प्राकृतिक आपदा के बाद पूरी दुनिया तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आई है। तमाम देश बचाव अभियान के लिए अपनी टीम भेज रहे हैं। भरत ने भी NDRF की टीम, डॉक्टर, मेडिकल टीम, अस्थाई अस्पताल समेत बड़ी मात्रा में राहत सामग्री मदद के लिए भेजी है। इसके साथ ही खुद ही तंग हाल से गुजर रहा पाकिस्तान ने भी मदद भेजने की पेशकश की लेकिन उसे तुक्री ने बुरी तरह लताड़ा है।

इस हादसे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और अन्य अधिकारियों तुर्की के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहते थे लेकिन तुर्की सरकार ने लताड़ते हुए कहा कि अभी हम भूकंप के कारण मची तबाही से बचाव और राहत कार्यों में व्यस्त हैं इसलिए आप अभी यहां न आइए। जिसके बाद पाकिस्तान पीएम अपना तुर्की दौरा रद्द कर दिया।

सूचना मंत्री ने दी थी यात्रा की जानकारी

इस यात्रा के बारे में जानकारी पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने दी थी। उन्होंने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री बुधवार सुबह अंकारा के लिए रवाना होंगे। उन्होंने कहा, वह राष्ट्रपति (रेसेप तैयप) एर्दोगन के लिए भूकंप के विनाश, जीवन की हानि और तुर्की के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे। प्रधानमंत्री की तुर्की यात्रा के कारण गुरुवार को बुलाई गई एपीसी स्थगित की जा रही है, सहयोगी दलों के परामर्श से नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
रचनाओं को मामूली क्षति हो सकती है।

सोमवार को आए भूकंप ने मचाई तबाही

बता दें कि सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। खबर लिखे जाने तक इस भूकंप से करीब 4,300 लोगों की मौत की बात सामने आई है। इसके अलावा हजारों लोग लापता हैं और हजारों की संख्या में घायल भी हैं। यहां हर तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

तुर्की में सोमवार से लेकर अब तक 4 बार भूकंप आ चुका है। 24 घंटे के भीतर आए भूकंप की तीव्रता क्रमशः 7.8, 7.6, 6.0 और 5.6 बताई गई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक दावा भी सामने आया है। WHO ने कहा है कि भूकंप की वजह से मरने वालों की संख्या 8 गुना बढ़ सकती है।

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.