पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांग पर गैस टैरिफ में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. एआरवाई न्यूज ने सूत्रों के हवाले से सोमवार को यह जानकारी दी.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ ने गैस क्षेत्र में सर्कुलर कर्ज को कम करने के लिए अगली आर्थिक समीक्षा से पहले गैस टैरिफ में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की मांग की है.
सूत्रों ने कहा कि अगर गैस टैरिफ नहीं बढ़ाया गया तो 185 अरब रुपए की कमी गैस सेक्टर के सर्कुलर कर्ज में जुड़ जाएगी. गैस क्षेत्र का मौजूदा सर्कुलर कर्ज 2,700 अरब रुपए को छू रहा है. उन्होंने आगे कहा कि जुलाई-सितंबर, 2023 तक गैस कंपनियों ने अपने कुल घाटे में 46 अरब रुपए का और इजाफा कर दिया है.
गैस कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मसौदा ‘तैयार’ कर लिया गया है और इसे आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की अगली बैठक से पहले पेश किए जाने की संभावना है. इससे पहले, यह बात सामने आई थी कि सरकार उर्वरक उत्पादक क्षेत्र के लिए गैस टैरिफ बढ़ाएगी.
नए मूल्य निर्धारण मॉडल के तहत, उर्वरक क्षेत्र को फीडस्टॉक उद्देश्यों के लिए गैस टैरिफ में लगभग 580 रुपए प्रति एमएमबीटीयू की वृद्धि होने की उम्मीद है. सूत्रों ने बताया कि उर्वरक उत्पादक क्षेत्र के लिए गैस 278 रुपए प्रति एमएमबीटीयू महंगी कर दी जाएगी और कहा कि गैस की नई दर 1,580 रुपए एमएमबीटीयू होगी. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बेलआउट की दूसरी किस्त के लिए बातचीत संभवतः अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होगी.
यह खबर ऐसे समय में आई है, जबकि पाकिस्तान के स्व-निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 21 अक्टूबर को पंजाब प्रांत की राजधानी में अपनी सभा के दौरान नकदी संकट से जूझ रहे देश के सामने आर्थिक संकट से बाहर निकलने का खाका प्रस्तुत करेंगे. नवाज शरीफ के भतीजे हमजा शहबाज ने कहा, ‘मीनार-ए-पाकिस्तान में अपने भाषण में नवाज शरीफ देश को आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रोडमैप देंगे.’ उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन और उसके सहयोगियों ने अपनी राजनीतिक पूंजी को जोखिम में डालकर देश को बचाया था.