स्पेन को यूरोप का ‘बैक गार्डन’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि ये देश पूरे महाद्वीप को कृषि उत्पाद निर्यात करता है.

लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी स्पेन भीषण गर्मी की मार झेल रहा, बारिश न होने से यहां, किसानों की उपज न के बराबर हुई है. स्पेन पहला देश होगा जो पानी की कमी के परिणामों को भुगतने वालों में से पहला देश होगा.

स्पेन का अप्रैल का महीना सबसे सूखा रहा है. इसके वजह से कृषि उत्पाद पर काफी असर पड़ा है. वहीं, एलिकांटे विश्वविद्यालय में जलवायु विज्ञान प्रयोगशाला के प्रमुख जोर्ज ओल्सिना ने अपने रिपोर्ट में बताया कि यहां, जलाशय अपनी क्षमता के 25 प्रतिशत से कम हो गई हैं.

वालेंसिया में मरुस्थलीकरण अनुसंधान केंद्र के निदेशक पेट्रीसियो गार्सिया-फायोस ने कहा कि आने वाले वर्षों में स्पेन का एक बड़ा हिस्सा रेगिस्तान बन जाएगा. उन्होंने चेताते हुए कहा कि ‘जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ना आवश्यक है और साथ ही सीखें कि अपने पानी का बेहतर प्रबंधन कैसे करें. अन्यथा, स्पेन का एक बड़ा हिस्सा कुछ वर्षों में रेगिस्तान बन जाएगा.’

पेरिस ने भी सूखे का अलर्ट जारी कर दिया है. ऐन, इसेरे, बाउचेस-डु-रोन और पाइरेनीस-ओरिएंटल राज्य में रहने वाले लोगों को गैर-प्राथमिकता वाले उद्देश्यों के लिए पानी का उपयोग करने से मना किया गया है, जिसमें उनके लॉन को पानी देना और उनके स्विमिंग पूल को भरना शामिल है.

दुःख की बात ये है कि पिछले जहां ये देश फ़ूड क्राइसिस (भोजन की कमी) से जूझ रहा था अब इस साल इस देश के किसानो को खेत में पानी का उपयोग करने से सरकार द्वारा मनाही की जा रही है.

इसी प्रकार ग्लोबल वार्मिंग की मार से सूखे की सामना करने वालों में कई दक्षिण यूरोपीय देशों में पुर्तगाल भी है. यहां का 90% भू-भाग सूखे की सामना कर रहा है. वहीं, 20% भू-भाग भीषण अकाल का सामना कर रहा है. इसी प्रकार इटली का कृषि उद्योग लगातार दो सालों की पानी की कमी से सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है. उत्तरी इटली में 70% स्नो वाटर रिज़र्व (Snow Water Reserve) की कमी है, वहीं, 20% भू-भाग की जमीन नमी की कमी से जूझ रहे हैं.

विशेषज्ञ दक्षिणी यूरोप के साथ-साथ हॉर्न ऑफ अफ्रीका में भीषण गर्मी और पानी की कमी के लिए ‘जलवायु परिवर्तन’ को जिम्मेदार ठहराते हैं. सूखे से बचाव के उनका संक्षिप्त और जरूरी सलाह है- कई खेती वाले क्षेत्रों में अभी तक सटीक सिंचाई जैसी जल-बचत विधियों को अपनाना है या अधिक सूखा-प्रतिरोधी फसलों, जैसे कि सूरजमुखी पर स्विच करना है.

By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.