यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने जर्मनी के जसविंदर सिंह मुल्तानी को अप्रैल 2022 के मॉडल जेल टिफिन बम मामले में भगोड़ा घोषित किया है, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम है।
प्रतिबंधित एसोसिएशन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सदस्य इस समय विदेश में रह रहा है। अदालत ने 5 जनवरी को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। मुल्तानी की पहचान मॉडल जेल (बुड़ैल, चंडीगढ़) की दीवार के बाहर आतंक फैलाने और हिंसा करने के इरादे से आईईडी बम लगाने के मास्टरमाइंड के रूप में की गई है। पिछले साल 22 अप्रैल को जेल के बाहर एक काले बैग में डेटोनेटर के साथ टिफिन बम मिला था। मूल रूप से अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस द्वारा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बाद में मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली, जिसने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराएं भी जोड़ीं। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि मुल्तानी ने जर्मनी से अपराध का मास्टरमाइंड किया था। वह भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में स्थित खालिस्तान समर्थक गुर्गो के संपर्क में था और हिंसा और आतंक को बढ़ावा देने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहा था। जांच के अनुसार, वह सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं की पहचान, भर्ती, उन्हें प्रेरित और कट्टरपंथी बना रहा था। वह पाकिस्तान से भारत में हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ विस्फोटक मंगाने के लिए धन भेज रहा था।