भारतीय सरकार चीनी लिंक्स के साथ 138 बैटिंग और 94 लोन ऐप्स पर बैन लगाने जा रही है। गृह मंत्रालय (MHA) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को अर्जेंट और इमजेंसी आधार पर एक्शन लेने को कहा।

फॉर्मर ने पाया कि ये ऐप्स भारत की संप्रभुता और एकता को चुनौती देते हैं जैसा कि IT ऐक्ट के सेक्शन 69 में बताया गया है। आइए जानते हैं कि इस चिंता का क्या कारण है।

बैटिंग और लोन ऐप्स क्यों किए जा रहे हैं बैन?

कहा जा रहा है कि बताए गए ऐप्स सीधे-साधे गरीब लोगों को लोन और 3,000% तक के सालाना ब्याज के इन्फ्लेशन के जाल में फसाते हैं। इसके बाद बकाएदारों को अश्लील मेसेजिस और सेंसिटिव इमेजिस के माध्यम से धमकाया जाता है। इन राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश और ओडिशा की सरकारें इस समस्या को केंद्र तक लेकर गईं।

बदकिस्मती से, यह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में आत्महत्याओं का कारण बना। इसी के साथ, केन्द्रीय खूफिया एजेंसी भी इस कार्रवाई में शामिल हो गई।

इसलिए, लगभग दो महीने पहले, MHA ने 28 सस्पेक्ट ऐप्स को एनालाइज़ करना शुरू किया, और धीरे-धीरे यह लिस्ट लिस्ट बढ़कर 94 पर पहुँच गई। इनके अलावा, कुछ ऐसे ऐप्स भी हैं, जिनके चीनी नागरिकों से थर्ड-पार्टी कनेक्शंस हैं। यहां तक कि ये शायद गूगल प्ले और एप्पल ऐप स्टोर्स पर भी उपलब्ध नहीं होंगे लेकिन अलग-अलग स्वतंत्र वेबसाइट्स पर उपलब्ध होंगे।

अपनी खोज में, सरकार को यह भी पता चला कि इनमें से कुछ ऐप्स भारतीय डायरेक्टर्स द्वारा चलाए जा रहे हैं जिन्हें उनके चीनी मालिकों ने रखा है।

जैसे ही सरकार पूरी लिस्ट जारी करती है, हम इसे आपके साथ शेयर कर देंगे।

अपनी खोज में, सरकार को यह भी पता चला कि इनमें से कुछ ऐप्स भारतीय डायरेक्टर्स द्वारा चलाए जा रहे हैं जिन्हें उनके चीनी मालिकों ने रखा है।

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By Ajay Thakur

Ajay Thakur, a visionary journalist and the driving force behind a groundbreaking news website that is redefining the way we consume and engage with news.