पिछले तीन दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किए गए दो बयानों ने एक महत्वपूर्ण बिंदु को रेखांकित किया है कि भारत इजरायली धरती पर हमास की तरफ से किए गए “आतंकवाद” के खिलाफ मजबूती से खड़ा है.

भारत ने 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमास के हमले को एक स्वर में ‘आतंकवादी हमला’ करार दिया था और पीएम मोदी के अब तक के किसी भी बयान में फिलिस्तीन का उल्लेख नहीं किया गया है.

ऐसा लगता है कि भारत “दो-राज्य समाधान” के बीच अंतर कर रहा है जिसका मोदी सरकार ने अतीत में समर्थन किया है, और हमास द्वारा कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला, जिसने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया था. एक सरकारी सूत्र ने बताया, “हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ हैं और इजरायल के साथ हैं. हम तो बस यही कह रहे हैं. कोई भी 7 अक्टूबर की घटनाओं को उचित नहीं ठहरा सकता और न ही ऐसा करना चाहिए, जिसमें नागरिकों की हत्याएं और अपहरण हुए. हमें और अधिक कहने की ज़रूरत नहीं है.”

By Ajay Thakur

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