द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभाओं के लिए चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद से तीन केंद्रीय मंत्रियों, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और रेणुका सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार, अर्जुन मुंडा को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। पहले यह मंत्रालय नरेंद्र सिंह तोमर के पास था।

किसे क्या विभाग मिला?

इनके अलावा, राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे को प्रह्लाद सिंह पटेल के स्थान पर उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है। आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा, जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया है। इस मंत्रालय का नेतृत्व भी प्रह्लाद सिंह पटेल ही करते थे। वहीं राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा, जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है। वह रेणुका सिंह सिंह की जगह लेंगी।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल समेत भाजपा के 10 सांसदों ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। इनमें किरोणीलाल मीणा राज्यसभा के सदस्य थे। ये सभी सांसद हालिया विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सदन को बताया कि राजस्थान प्रदेश के जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़, राजसमंद से दीया कुमारी, मध्य प्रदेश के मुरैना से नरेन्द्र सिंह तोमर, दमोह से प्रह्लाद पटेल, जबलपुर से राकेश सिंह, सीधी से रीति पाठक, होशंगाबाद से उदय प्रताप सिंह तथा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से गोमती साय और बिलासपुर से सांसद अरुण साव समेत 10 सांसदों ने इस्तीफा दिया।

सीएम दावेदार हैं कई नेता

बता दें कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राजस्थान के बाबा बालकनाथ ने बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। दोनों ने अपने-अपने राज्यों की विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी है। तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के संभावित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। चौहान की तरह पटेल भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं।

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण कुमार साव, विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक और पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी को राजनीति पर नजर रखने वाले लोग इस शीर्ष पद के दावेदारों के रूप में देख रहे हैं। हालांकि भाजपा सूत्रों की ओर से ऐसी ही बात केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सरूता को लेकर कही जा रहा है। रेणुका सिंह ने भरतपुर-सोनहट सीट से चुनाव जीता है। वह जनजातीय समाज से आती हैं और महिला हैं। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद अब तक इस राज्य में कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं हुआ है। भाजपा शासित किसी भी राज्य में कोई महिला फिलहाल मुख्यमंत्री नहीं है।

कोई नया चेहरा शामिल नहीं

संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने प्रक्रियागत औपचारिकता के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। तोमर केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य थे और कृषि विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभाल रहे थे। पटेल और रेणुका सिंह राज्य मंत्री थीं। केंद्रीय मंत्रिपरिषद से उनके संभावित इस्तीफे की स्थिति में एक नई चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी मंत्रिपरिषद में नए सदस्यों को शामिल करेंगे। हालांकि उन्होंने पहले से ही मौजूद चेहरों को और जिम्मेदारियां दी हैं।

By Ajay Thakur

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