अतीक अहमद ने अपनी हत्या से पहले हाल ही में कबूल किया था कि उसके पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से सीधे संबंध हैं।
यूपी पुलिस ने यह बात दाखिल चार्जशीट में कही थी। चार्जशीट में अतीक के हवाले से कहा गया था, मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि मेरे पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से सीधे संबंध हैं।
पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब की सीमा पर गिराए जाते है और स्थानीय आतंकवादी उन्हें इकट्ठा करते हैं। अगर आप मुझे अपने साथ ले जाते हैं, तो मैं उस पैसे, हथियार और घटना में इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद को बरामद करने में आपकी मदद कर सकता हूं। जिसके बाद कई गैंगस्टर की मुश्किलें बढ़ना तय था जिसका पूरा परिवार उसके गिरोह का सदस्य था।
सूत्रों कि मानें तो अतीक सपरिवार सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया था जिसके बाद अतीक ने अपनी हत्या से पूर्व अपने भाई अशरफ के साथ कसारी मसारी के जंगल जाकर पुलिस को विदेशी अत्याधुनिक हथियार भी उपलब्ध करवाए और साथ ही बहुत से गहरे राज भी पुलिस के साथ साझा किए जिससे संभावना जताई जा रही है कि कई सफेदपोश नेताओं का बचना नामुमकिन था। आखिर अतीक ऐसा कौन सा राज खोलने वाला था, अपने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को स्वीकार करके कुछ तो ऐसा अप्रत्याशित होने वाला था जिससे किसी को बहुत भारी नुकसान होना तय था।
वैसे अतीक की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत सभी पार्टियों के ऑफिस की सुरक्षा बढ़ाई, हर उस नेता की सुरक्षा बढ़ाई जिसने असद के एनकाउंटर पर प्रश्नचिन्ह लगाया था। फिर अचानक से पूरे यूपी में धारा 144 लगवा दिया और यूपी सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। इस पूरे मामले में बहुत बड़ा झोल नजर आता है। अगर सही से इसकी जांच हो तो कई पुलिस अधिकारी सहित कई नेता भी इसके चपेटे में आ सकते हैं।