Maharashtra में राकांपा नेता अजित पवार और आठ अन्य विधायकों का शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति को तमाशा करार दिया है।
उन्हें ऐसा लगता है कि कानून भी इसकी इजाजत देता है।
अजित पवार ने रविवार को राकांपा में जबरदस्त विद्रोह छेड़ दिया था, जिससे पार्टी में विभाजन की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने उपमुख्यमंत्री के पद के लिए शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। अपने एक ट्वीट में सिब्बल ने लिखा, ‘महाराष्ट्र की राजनीति , यह कोई लोकतंत्र नहीं है बल्कि तमाशा बन गया है और कानून भी इसकी इजाजत दे रहा है। यह केवल सत्ता के बारे में है न कि लोगों के बारे में।’
अजित पवार ने बुधवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार पर कटाक्ष किया। उन्होंने अपने चचाचा से पूछा कि वह सक्रिय राजनीति से कब संन्यास लेंगे। राकांपा में विभाजन के बाद आधे से भी कई ज्यादा विधायक अजित पवार के समर्थन में आ चुके हैं।
शरद पवार और अजित पवार दोनों ने ही बुधवार को मुंबई में अलग अलग जगहों पर शक्ति प्रदर्शन के लिए बैठक बुलाई थी। 53 विधायकों में कम से कम 32 अजित पवार की बैठक में शामिल हुए थे, तो वहीं महज 18 विधायक शरद पवार की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।